अरे टमाटर सुनो टमाटर

अरे टमाटर, सुनो टमाटर,
मैं तो तुझको खाऊॅगा,
नहीं नहीं , अभी नहीं,
अभी तो मैं छोटा बच्चा हूॅ,
अपने घर में रहता हूॅ,
धूप, हवा मैं खाता हूॅ,
पानी भी मैं पीता हूॅ,
जब मैं बड़ा हो जाऊॅगा,
मीठा-मीठा और रसीला,
लाल-लाल पक जाऊॅगा,
सूप,सलाद और जैम बना कर
चटनी में भी मुझे मिलाकर,
मेरा डिनर बना लेना,
फिर तुम मुझको खा लेना।

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ASHA Writer, Creator, and Motivator
मैं एक लेखक, निर्माता और प्रेरक हूं जो विश्लेषणात्मक और तार्किक सोच के माध्यम से लोगों को प्रेरित करने का प्रयास करता है। मुझे लगता है कि सफलता प्राप्त करने का पहला मूलभूत तत्व खुद पर विश्वास करना है, चाहे वह कितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो।