बुजुर्गों का सम्मान: बाहरी आडंबर और आंतरिक अंधकार पर एक सशक्त संदेश
मन में बसी अभिमान की ढेरी,
उॅगलियों से है माला फेरी,
जिव्हा ने भी दिया है साथ,
धुन राम नाम की है , गुॅजेरी।
हाथों से भी किया है दान,
पर न दिया बुजुर्गों को मान,
प्रभू मंदिर का दीप जलाया,
मन मंदिर में न आया उजाला।
प्रभू को परोसे छप्पन भोग,
माॅ-बाप से किया रोटी का लोभ,
नुक्कड़ों पर तो प्याऊ खुलवाये,
मात-पिता जल को तरसाये।
मंदिरों में लंगर चलवाये
पर मात-पिता की सुध न भाये,
ऐसे ही थन कुबेरों के जन्मदाता,
वृद्धाश्रमों में आश्रय पाये।
Celebrate International Day of Older Persons with this heartwarming image. Share the love and appreciation for our elders by spreading this meaningful illustration today!
जीवन संध्या में तन की सीमाएं, मन की उड़ानें: वृद्धावस्था के अनमोल क्षणों को मनाएं
तन जर्जर है, मन निर्झर है,
तन काॅप रहा,मन नाच रहा,
कदम न आगे बढ़ रहे,
मन उड़ाने भर रहा,
तन ढह गया है बिस्तर पर,
मन मयूर उड़े आसमान में,
तन और मन का कोई मेल नहीं,
तन तो ढलती शाम है,
जीवन संध्या में ढल जायेगी,
मन को कहॉ कोई बाॅध सका,
मन तो आजाद परिंदा है।
Illustration of an elderly couple standing together in front of a heart shape with the text ‘International Day of the Older Person’ and ‘October 1’ in blue and red banners.
जिन्दगी और मौत का अनमोल सत्य: अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर विचार साझा करें
जिन्दगी का तो कोई ठिकाना नहीं,
फिर भी क्यूॅ जान छिड़कते है लोग,
मौत का ठिकाना तो निश्चित है,
फिर भी जाने क्यूॅ मुकरते हैं लोग।
Celebrate the International Day for the Elderly on October 1st by honoring senior citizens. Share this heartwarming image to spread awareness and appreciation for the elderly in our lives.