Poetry on Power & Unity in Hindi

ताकत और एकता

ताकत से है दुनियाॅ हारी,
ताकत पर हैं सब बलिहारी।

चाहे हो तन की ताकत,
या फिर हो वह मन की ताकत,
समझ की ताकत सब पर भारी
ताकत से है दुनियाॅ हारी।

चाहे हो दौलत की ताकत,
या फिर हो अभिमान की ताकत,
स्वाभिमान की ताकत सब पर भारी,
ईमान की ताकत सब पर भारी,
ताकत से है दुनियाॅ हारी।

झूठ की महिमा सबसे न्यारी,
रीझें इस पर सब नर नारी,
सच की ताकत सब पर भारी,
सच पर चले न कोई आरी।

रात अमावस, छाए घना अंधेरा,
कोई राह न सूझे,और दूर हो सवेरा,
इक लौ दिये की तम पर भारी,
इक लौ दिये की हरती अंधियारी।

चाहे हो कितने मतभेद,
या फिर हो कितने मनभेद,
फिर भी एकता सब पर भारी,
एकता से है दुनियाॅ हारी।

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ASHA Writer, Creator, and Motivator
मैं एक लेखक, निर्माता और प्रेरक हूं जो विश्लेषणात्मक और तार्किक सोच के माध्यम से लोगों को प्रेरित करने का प्रयास करता है। मुझे लगता है कि सफलता प्राप्त करने का पहला मूलभूत तत्व खुद पर विश्वास करना है, चाहे वह कितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो।