
परम पिता परमात्मा
हे परम पिता परमात्मा,
कर दे सुखी सबकी आत्मा,
दुख ही दुख भरा है,
तेरे इस संसार में,
होने लगा है रिश्तों का व्यापार भी,
अब तेरे इस संसार में,
हे परम पिता परमात्मा,
कर दे निर्मल सबकी आत्मा।
जख्मी दिल है, जख्मी जिगर है,
जाय तो जाय कहाॅ इन्सान,
सिर झुकाने के लिये,
दिल का दर्द दिखाने के लिये,
एक तेरा ही तो दर है,
हे परम पिता परमात्मा,
कर दे दर्द का खात्मा।
कोई अपने ही गम में डूब रहा,
कोई अपने ही अहमं में फूल रहा,
एक धरा पर लाके सभी को,
उनको उनका अक्स दिखा,
हे परम पिता परमात्मा,
शुद्ध कर सबकी आत्मा,
शुद्ध कर सबकी आत्मा।