Caged Birds / पिंजरे में बंद पक्षियों के प्रति सहानुभूति

Poetry on Caged Birds in Hindi

उड़ने दो परिंदों को आसमान में

उड़ने दो परिंदों को आसमान में,
न कैद करो इनको अपने अभिमान में,
ये खिलौना नहीं है,
आपके परिवार का,
बस दाना पानी देकर,
मन बहल गया बच्चों का
जीवित प्राणी हैं ये भी,
तो क्या हुआ जो इंसान नहीं,
इन बेजुबान परिंदों को सताना भी तो कोई इन्सानियत नहीं,
खोल दो पिंजड़ा,
भरने दो इनको अपनी उड़ान,
ये चहचहाते पंछी ही तो हैं ऊॅचे गगन की शान।

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ASHA Writer, Creator, and Motivator
मैं एक लेखक, निर्माता और प्रेरक हूं जो विश्लेषणात्मक और तार्किक सोच के माध्यम से लोगों को प्रेरित करने का प्रयास करता है। मुझे लगता है कि सफलता प्राप्त करने का पहला मूलभूत तत्व खुद पर विश्वास करना है, चाहे वह कितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो।

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