Category: Sympathy
Caged Birds / पिंजरे में बंद पक्षियों के प्रति सहानुभूति
Published Date: February 13, 2022
उड़ने दो परिंदों को आसमान में, न कैद करो इनको अपने अभिमान में, ये खिलौना नहीं है, आपके परिवार का, बस दाना पानी देकर, मन बहल गया बच्चों का। जीवित प्राणी हैं ये भी, तो क्या हुआ जो इंसान नहीं, इन बेजुबान परिंदों को सताना भी तो कोई इन्सानियत नहीं, खोल दो पिंजड़ा, भरने दो इनको अपनी उड़ान, ये चहचहाते पंछी ही तो हैं ऊॅचे गगन की शान।