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Thoughts on Old Age Hope in Hindi

शरीर बूढ़ा हो चला, चेहरे पर झुर्रियों ने डेरा जमा लिया, नजर धुॅधला गयी, तन पर चढ़ा चमड़े का कवच कुम्हला गया, चाल का कदमों से कोई तालमेल न रहा,डगमगाई सी चाल हो गयी। कंचन सी काया का हाल बेहाल हो गया। पर इस काया के अंदर हाड़ माॅस का जो दिल है,वह कभी बूढ़ा न हो पाया। वक्त के थपेड़ों ने, मुश्किलों की ऑधियों ने, रिश्तों की धूप छाॅव ने उसके अनुभवों को और मजबूत कर दिया।

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