Devotional Thoughts in Hindi
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Devotional Thoughts in Hindi / भक्तिमय सुविचार

चाहे सजा लो कितने शिवालय, चाहे चलाओ कितने अनाथालय, बाॅटो चाहे मुफ्त दवाईयाॅ, दिखावा है यह जग में शक्ति का या सच में चढ़ा है रंग भक्ति का प्रभू के तराजू का है तौल खरा मिलेगा बस उतना ही जितना मन का है पात्र भरा।

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Thoughts on Success in Hindi
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Thoughts on Success in Hindi / सफलता पर सुविचार

सफलता का रास्ता कभी बना बनाया नहीं मिलता,उसे अपने प्रयत्नों से ही बनाना पड़ता है।आपके प्रयासों में कितनी कशिश होगी,कितनी गहराई होगी ,यह भी आप पर ही निर्भर होगा। कहा भी जाता है कि जितनी मेहनत उतना ही पुरस्कार मिलता है।

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Thoughts on Friendship
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Thoughts on Friendship in Hindi / दोस्ती पर सुविचार

जिस तरह शुद्ध ,सात्विक भोजन में भी नमक का होना जरूरी है, उसी तरह निस्वार्थ रिश्तों की गर्माहट बनाये रखने के लिए धन का होना भी अनिवार्य है। जब सुदामा अपने बालसखा कॄष्ण से मिलने गये, तो चार मुठ्ठी चावल पोटली में बाॅध कर ले गये।

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Wisdom Thoughts in Hindi
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Wisdom Thoughts in Hindi / बुद्धिमतापूर्ण विचार

किसी भी प्राणी के बाहरी आवरण या उसके आकर्षित स्वरूप को देख कर उसके अंदर की कलुषता का अनुमान नहीं लगाया जा सकता। जैसे मोर के सुंदर पंख और उसका नृत्य देख कर कोई अंदाज नहीं लगा सकता कि मोर का भोजन विषैला साँप भी हो सकता है।

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Katu Vachan in Hindi
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Katu Vachan in Hindi / कटु वचन

पौराणिक काल में सागर मंथन से निकले विष को शिव ने जगत कल्याण हेतु स्वेच्छा से अपने कंठ में स्थान दिया और नीलकंठ कहलाये। आज के समाज मंथन से निकला विष मानव की आत्मा, उसकी अंतरात्मा को जख्म दे रहा है , वह निरीह प्राणी कहाॅ जाय।

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Thoughts on Suffering in Hindi
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Thoughts on Suffering in Hindi / वेदना

आज के इस भौतिकतावादी युग में ऐसा लगता है जैसे कि इन्सानियत भी शर्मसार हो गयी है,परिन्दों के पंखों पर सवार होकर दूर कहीं क्षितिज में जाकर छिप गयी है। इन्सान के अंदर की हैवानियत को मौका मिल गया है अपना रंग दिखाने का,और वह भी हैवान बन कर ही रह गया है। कम से कम आज का समय तो यही गवाही दे रहा है,कल क्या हो जाय, यह तो भविष्य ही बता सकता है।

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