Category: Unnecessary Competition
Thoughts on Unnecessary Competition / अनावश्यक प्रतियोगिता
Published Date: September 24, 2022
आज यहाॅ हर आदमी परेशान है, लगता है जैसे होठों से रूठ गयी मुस्कान है, न रातों में नींद, और न दिन में ही चैन है। सच पूछो तो यह खुद ही खरीदी गयी, एक बीमारी है, दूसरों की होड़ करना इन्सान की लाचारी है।