दीवाली / दीपावली
आओ दीपमालिकोत्सव मनाएँ,
धरा पर दीपों की कतार सजाएँ,
तेल और बाती डाल कर इनमें,
छोड़ दे इन्हें, रात भर झिलमिलाने
के लिए, ताकि ये रौशन दिये, माॅ लक्ष्मी
को हमारे घर की राह दिखाएँ।
दीपमालिकोत्सव
आओ दीपमालिकोत्सव मनाएँ,
धरा पर दीपों की कतार सजाएँ,
तेल और बाती डाल कर इनमें,
छोड़ दे इन्हें, रात भर झिलमिलाने
के लिए, ताकि ये रौशन दिये,
माॅ लक्ष्मी को हमारे घर की राह दिखाएँ।
उत्साह
आओ दिये से दिया जलायें
जग से अंधेरा दूर भगायें,
रहे न कोई ऑगन सूना,
भले ही रात हो, अमावस काली,
मन में उत्साह हो दूना दूना।