हरी मटर
हरी मटर का दाना हूॅ मैं,
गोलमटोल गोल गोल,
सर्दियों में आता हूॅ मैं,
सबके मन को भाता हूॅ मैं,
पूड़ी ,पराठा,पुलाव,कचौड़ी,
सबकी शान बढ़ाता हूॅ मैं,
बच्चे मेरी चाट बनाते,
आलू,टमाटर और चटनी मिलाते,
फिर बड़े मजे उसको खाते।
कौआ
घर की छत पर कौआ आता,
चोंच में रोटी ले उड़ जाता,
पीपल के पेड़ पे बैठ कर खाता,
अपनी गर्दन इधर घुमाता ,
उधर घुमाता, काॅव-काॅव कर,
अपने दोनों पंख फैलाता,
दूर आसमान में वो उड़ जाता।
बिल्लो रानी
बड़ी मनमौजी बिल्लो रानी,
नहीं किसी से डरती है,
ऑख बचा कर किचन में आती,
दूध,मलाई चट कर जाती,
जैसे ही कोई चूहा दीखा,
झपट मार कर ले जाती,
छोटे,छोटे इसके बच्चे चार,
बड़े प्यार से खाते यार।