आजा दीदी मिल ले मुझसे
आजा दीदी, मिल ले मुझसे, तुझसे कुछ बतियाना है,
लग के गले से तेरे दीदी, दिल का हाल सुनाना है।
बीत गये वो बचपन के दिन गुड्डा गुड़िया खेल खिलौने, छुपन ,छुपाई,रोने धोने,
जब से हुई है शादी दीदी टूट गये सब सपने सलोने, मिल के गले से तेरे दीदी,
इन सपनों को फिर से सजाना है।
आजा दीदी ,मिल ले मुझसे, तुझसे कुछ बतियाना है। दीदी तू क्या जाने पीर पराई,
तेरे पैर न फटी बिवाई, मेरी सासु तो तीखी मिर्ची, तेरी रसमलाई,
बस इस तीखी मिर्ची का ही दीदी, मुझे सासु पुराण सुनाना है
आजा दीदी मिल ले मुझसे, तुझसे कुछ बतियाना है।