Poetry on Frustration in Hindi / निराशा पर कविताएं

Poetry on Frustration in Hindi

बिकने लगा बंद बोतल में पीने का पानी

पानी पानी का मचा है शोर,
पहले पानी था हर ओर,
नयनों में था शर्म का पानी,
दिल में बसा था अपनों के दर्द का पानी,
छोटों के लिए था स्नेह का पानी,
बड़ों के लिए था सम्मान का पानी।
विकास की ऐसी ऑधी आई,
चारों ओर बर्बादी लाई,
मर गया ऑखों का पानी,
सूख गया स्नेह,
सम्मान का पानी,
लाज शर्म सब हवा हो गयी,
बिकने लगा बंद बोतल में पीने का पानी।


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ASHA Writer, Creator, and Motivator
मैं एक लेखक, निर्माता और प्रेरक हूं जो विश्लेषणात्मक और तार्किक सोच के माध्यम से लोगों को प्रेरित करने का प्रयास करता है। मुझे लगता है कि सफलता प्राप्त करने का पहला मूलभूत तत्व खुद पर विश्वास करना है, चाहे वह कितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो।

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