Poetry on Life in Hindi / जिंदगी पर कविताएँ

Poetry on Life in Hindi

जिन्दगी की रफ्तार

चलती ही रहती है जिन्दगी, कभी थमती नहीं रफ्तार इसकी,
नदियों सा प्रवाह इसका,कहीं तेज तो कहीं मंद रफ्तार इसकी।
आ जाय राह में कभी कोई पत्थर और काटने लगे,
रोकने लगे राह इसकी,
मोड़ लेती है अपनी ही धारा,
बढ़ जाती है अपनी ही मंजिलों की ओर,
वह मंजिलें जिनका कोई ओर न छोर।
महानगरों में, कोलतार से सजी सड़कों पर,
भीड़ के रेलों में कहीं गुम सी हो जाती है जिन्दगी।
कभी रातों के अंधेरों में भी हो रही होती है शुरूआत इसकी,
तो कहीं इन्हीं अंधेरों में ही दम तोड़ती है जिन्दगी।


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ASHA Writer, Creator, and Motivator
मैं एक लेखक, निर्माता और प्रेरक हूं जो विश्लेषणात्मक और तार्किक सोच के माध्यम से लोगों को प्रेरित करने का प्रयास करता है। मुझे लगता है कि सफलता प्राप्त करने का पहला मूलभूत तत्व खुद पर विश्वास करना है, चाहे वह कितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो।

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