
जब गाॅठ में है माल
जब गाॅठ में है माल, नाते रिश्ते चलते सालों साल,
जब गाॅठ है फटेहाल, तो पूछे न कोई इनका हाल।
पराये तो पराये होते है, अपने भी पराये हो जाते हैं,
मालामाल गाॅठ की , महिमा है अपरम्पार, इनका होता सारा संसार,
फटे हाल का सहारा होता, बस उनका एक परवरदिगार।