Thoughts on Harsh Realities of Life in Hindi

जीवन के कुछ कड़वे सच

कबूतर के ऑखें बंद करने से अंधेरा नही हो जाता,
सूरज के निकलने से सवेरा नही हो जाता,
सवेरा देखने के लिये ऑखें भी खोलनी पड़ती हैं,
कहावत है जब जागो तभी सवेरा,
नहीं तो जागते हुए भी अंधेरा ही अंधेरा।


जीवन के अंतिम सत्य

रोज नहाओ, या न नहाओ,
कोई बात नहीं,
जीवन के अंतिम सत्य, अंतिम सफर,
पर इस मिट्टी की काया को स्नान कर के ही जाना होता है।


आशा और विश्वास

आशा और विश्वास एक ही सिक्के के दो पूरक पहलू हैं,
जाहिर सी बात है कि जिस पर विश्वास होगा आशा भी उसी से ही होगी।
हर किसी पर न तो विश्वास किया जा सकता है,
न ही हर किसी से कोई उम्मीद।

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