Thoughts on Motherhood in Hindi / मातृत्व का गौरव

Thoughts on Motherhood

मातृत्व का गौरव

एक दिन, छोड़ कर सितारों का घर,
उनकी मध्यम सी चमक,
बढ़ चली धरती की ओर,
घूमने के लिए सारा जहान।
जैसे ही देखा मैंने,
बिछा दिया अपना ऑचल,
उस मध्यम सी चमक के लिए।
आकर सिमट गई वो मेरे ऑचल में,
और सो गई गहरी नींद में,
जब पलकें खोली उसने,
तो पाया एक सुनहरा सा रूप,
मेरी बेटी बनने आई थी वो,
मुझे मातृत्व का गौरव प्रदान करने के लिए।
मैने अपने अंक में समेट कर चूम लिया उसे।
आसमान से उतरी परी को मेरा बहुत बहुत प्यार।


Author: ASHA

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