Thoughts on Unnecessary Competition / अनावश्यक प्रतियोगिता

Unnecessary Competition

दूसरों की होड़ करना

आज यहाॅ हर आदमी परेशान है,
लगता है जैसे होठों से रूठ गयी मुस्कान है,
न रातों में नींद,
और न दिन में ही चैन है।
सच पूछो तो यह खुद ही खरीदी गयी,
एक बीमारी है,
दूसरों की होड़ करना इन्सान की लाचारी है।


author avatar
ASHA Writer, Creator, and Motivator
मैं एक लेखक, निर्माता और प्रेरक हूं जो विश्लेषणात्मक और तार्किक सोच के माध्यम से लोगों को प्रेरित करने का प्रयास करता है। मुझे लगता है कि सफलता प्राप्त करने का पहला मूलभूत तत्व खुद पर विश्वास करना है, चाहे वह कितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *