Category: Poetry
Best Wishes on Birth of Baby Girl in Hindi
एक नन्हीं सी परी, इंतजार था, जिसका बरसों से, पलकें मूॅद कर अपनी, सोई थी बादलों की गोद में, न जाने कौन सी सूर्य की किरण पड़ी उस पर, अलसाई सी पलकें खोल कर झाॅका जो उसने, पाया अपने इंतजार में खड़े, अपने स्वजनों और परिजनों को, पल में ही आ सिमटी माॅ की कोख में, साकार कर दिया सपना, लिपट कर ऑचल से, आज ही वह शुभ दिन है, परी ने खोली थी पलकें,
Morning Prayers in Hindi / प्रार्थना
हे परम पिता परमात्मा, कर दे सुखी सबकी आत्मा, दुख ही दुख भरा है, तेरे इस संसार में, होने लगा है रिश्तों का व्यापार भी, अब तेरे इस संसार में, हे परम पिता परमात्मा, कर दे निर्मल सबकी आत्मा। जख्मी दिल है, जख्मी जिगर है, जाय तो जाय कहाॅ इन्सान, सिर झुकाने के लिये, दिल का दर्द दिखाने के लिये, एक तेरा ही तो दर है, हे परम पिता परमात्मा, कर दे दर्द का खात्मा। कोई अपने ही गम में डूब रहा, कोई अपने ही अहमं में फूल रहा, एक धरा पर लाके सभी को,
Nursery Rhymes Lyrics in Hindi / बाल कविताएं
हरी मटर का दाना हूॅ मैं, गोलमटोल गोल गोल, सर्दियों में आता हूॅ मैं, सबके मन को भाता हूॅ मैं, पूड़ी ,पराठा,पुलाव,कचौड़ी, सबकी शान बढ़ाता हूॅ मैं, बच्चे मेरी चाट बनाते, आलू,टमाटर और चटनी मिलाते, फिर बड़े मजे उसको खाते।
Poem on Sweet Sister in Hindi / प्यारी बहेनो पर कविताये
आजा दीदी, मिल ले मुझसे, तुझसे कुछ बतियाना है, लग के गले से तेरे दीदी, दिल का हाल सुनाना है। बीत गये वो बचपन के दिन गुड्डा गुड़िया खेल खिलौने, छुपन ,छुपाई,रोने धोने, जब से हुई है शादी दीदी टूट गये सब सपने सलोने, मिल के गले से तेरे दीदी, इन सपनों को फिर से सजाना है। आजा दीदी ,मिल ले मुझसे, तुझसे कुछ बतियाना है।
Caged Birds / पिंजरे में बंद पक्षियों के प्रति सहानुभूति
उड़ने दो परिंदों को आसमान में, न कैद करो इनको अपने अभिमान में, ये खिलौना नहीं है, आपके परिवार का, बस दाना पानी देकर, मन बहल गया बच्चों का। जीवित प्राणी हैं ये भी, तो क्या हुआ जो इंसान नहीं, इन बेजुबान परिंदों को सताना भी तो कोई इन्सानियत नहीं, खोल दो पिंजड़ा, भरने दो इनको अपनी उड़ान, ये चहचहाते पंछी ही तो हैं ऊॅचे गगन की शान।
Poetry on Frustration in Hindi / निराशा पर कविताएं
पानी पानी का मचा है शोर, पहले पानी था हर ओर, नयनों में था शर्म का पानी, दिल में बसा था अपनों के दर्द का पानी, छोटों के लिए था स्नेह का पानी, बड़ों के लिए था सम्मान का पानी। विकास की ऐसी ऑधी आई, चारों ओर बर्बादी लाई, मर गया ऑखों का पानी, सूख गया स्नेह, सम्मान का पानी, लाज शर्म सब हवा हो गयी, बिकने लगा बंद बोतल में पीने का पानी।
Poetry on Deepawali / दीपावली
कहते हैं दीपावली के दिये, कुछ झिलमिलाते हुए, जलते हैं हम सारी रात आपके लिए, इस मुरादों वाली रात माॅग लें कुछ आप अपने लिए, रखे माॅ लक्ष्मी अपने चरण आपके द्वार, सुख समृद्धि से परिपूर्ण हो आपका घर संसार।
Poetry on Empathy in Hindi / सहानुभूति
गर्म कम्बलों और रजाईयों में सिमट कर सोने वालों, फुटपाथ पर सोने वालों की ठिठुरन का कुछ एहसास तो करो । घुल जाएगी तुम्हारी ठंडक तड़के की चाय की प्याली में, उन बेसहारों की सुबह चाय की तलब का कुछ एहसास तो करो। न होगी तुम्हारी जेब खाली, उन बेसहारों को जब दोगे चाय की प्याली, मिलेगा एक मीठा सा सुकंन मन को, जब दुआयें देंगे वो आपको और आपके अपनों को।
Poetry on Consciousness in Hindi / चेतना
इतना ऊॅचा भी न उड़ ऐ इन्सान, लोगो के मन से तेरी परछाई ही निकल जाय, आना तो लौट कर इस जहान में ही है, कहीं थोड़ी सी दूरी खाई न बन जाय।
Funny Poetry in Hindi / हास्यजनक कविताएं
ऊपर प॔खा चलता है, नीचे बिल्ली सोती है, भरा कटोरा दूध का मम्मी उसको देती है, सारा दिन वो ऊधम मचाती इधर उधर वो कूद लगाती जैसे ही कोई चूहा दीखा झट से चट कर जाती है।