
न बहाओ यूँ वाशबेसिन और बाथरूम में पानी,
यह तरल ही तो है इस जग में सबकी जिंदगानी,
जड़ हो या चेतन, इस जगत में,
सबको है पानी की दरकार,
यूँ ही बहा दोगे व्यर्थ में,
तो जीने कहाॅ जाओगे सरकार।
प्यासे परिन्दे फड़फड़ाते हैं,
पानी की तलाश में,
मिल जाय कहीं दो बूँद पानी,
आते हैं ऑगन में, इसी आस में,
रख दें एक कटोरे में पानी,
इन प्यासे परिन्दों के लिऐ,
पानी है जरूरी इनके भी
जीवन के लिऐ।